
“After nourishment, shelter and companionship, stories are the thing we need most in the world.”
(Philip Pullman)
हम सब कहानियांँ सुनकर बड़े हुए हैं। हर कहानी में एक नायक होता है। कुछ कहानियों में कई नायक होते हैं। तमाम मुश्किलों से गुज़रते हुए नायक अपनी मंज़िल पर पहुँचते हैं। हम उन सभी नायकों से जाने अनजाने में कुछ न कुछ सीखते आए हैं। आँखें खोलकर देखेंगे तो यह खुलेगा कि कुछ कहानियांँ हमारे आस पास बन रही हैं। अगली पीढ़ी की नींद इन पर मुनहसिर है। हमें इन कहानियों को अपने अपने लफ़्ज़ों से गढ़ना है। अपनी अपनी स्मृतियों में बचाए रखना है। स्पेन के 19 वर्षीय कार्लोस अल्कराज़ का यह US Open Run एक कहानी हो सकती है। श्रीलंका का एशिया कप Run भी एक शानदार कहानी हो सकती है। हमें इन सबको बख़ूबी याद रखना है। अपने शब्द देने हैं ताकि अगली पीढ़ी को अच्छी कहानी सुनकर अच्छी नींद आए।
पहले बात अल्कराज़ की करते हैं। अल्कराज़ ने टेनिस के दरवाज़े पर दस्तक दे दी है। पिछ्ले 4 सालों से अल्कराज़ का नाम चर्चा में था। 2020, 2021 अल्कराज़ के लिए आम साल रहे। लेकिन 2022 में अल्कराज़ अपने खेल को बहुत ऊपर ले गए। इतना ऊपर कि एक बार तो नडाल और जोकोविच को एक ही टूर्नामेंट में हरा दिया। अल्कराज़ से उम्मीदें बढ़ने लगीं। अल्कराज़ न्यूयार्क आए। गुणा गणित ऐसा बैठा कि यहांँ उन्हें नम्बर 1 खिलाड़ी बनने का मौक़ा मिला। शर्त यह थी कि US ओपन जीतना होगा। उन्होंने ‘ ज़िन्दगी में जो कुछ है, जो भी है, सहर्ष स्वीकारा है’ की तर्ज़ पर शर्त स्वीकार की और US Open जीत कर दुनिया के नंबर 1 खिलाड़ी बने।
अब बात श्रीलंकाई क्रिकेट टीम की करते हैं। पैसे की मार झेल रहा श्रीलंका इस टूर्नामेंट का होस्ट था। तंगी की वज्ह से दुबई में टूर्नामेंट को होस्ट किया। पूरी दुनिया भारत, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान की ओर देख रही थी। श्रीलंका अपना पहला मैच बुरी तरह हारी। लेकिन जैसे जैसे टूर्नामेंट आगे बढ़ा उनके खिलाड़ियों ने एकजुटता दिखाई। ‘ख़ुदा करे सफ़े सरदादगाँ न हो ख़ाली, जो मैं गिरूंँ तो कोई दूसरा निकल आए ‘ उनके खिलाड़ियों का स्लोगन बन गया। हर मैच में जब सर कटाने की बारी आए कोई नया सर निकल आया। हर मैच में नए नए हीरो उभर कर आए। उन्होंने अपना हर मैच आख़िरी मैच की तरह खेला और टूर्नामेंट जीते।
अल्कराज़ की कहानी अभी शुरू हुई है और कहानी की शुरुआत में ही नायक अपनी मंज़िल पर है। लेकिन इस कहानी में मंज़िल पर पहुँचने से ज़्यादा बने रहने का महत्व है। यह देखना शानदार होगा कि कार्लोस अल्कराज अगली पीढ़ी के लिए कैसी कहानी बनेंगे!
वहीं श्रीलंकाई क्रिकेट टीम की कहानी भी अभी पूरी नहीं हुई है और इसके कई अध्याय शेष हैं। अगर वो टी 20 वर्ल्ड कप जीते या नॉकआउट्स तक पहुँचे तो यह उनका सबसे बड़ा क्रिकेटिंग रिवाइवल होगा, और अगली कई पीढ़ियों के लिए एक शानदार कहानी भी।